वसंत ऋतु यानी कि बसंती बहार का मौसम। यह ऋतु सर्दी और गर्मी के बीच का संतुलन लेकर आती है — जब प्रकृति खिल उठती है, लेकिन शरीर में संचित कफ धीरे-धीरे कष्टदायक बनने लगता है। यह समय होता है personal care को detox और balance देने का, ताकि त्वचा, बाल, शरीर और मन – सभी स्वस्थ रह सकें।
समस्या की पहचान (Identify the Concern)
वसंत ऋतु में सामान्य समस्याएं:
त्वचा पर तैलीयता और पिंपल्स
एलर्जी, जुकाम और कफ की शिकायत
बाल झड़ना या चिपचिपे बाल
शरीर में सुस्ती और भारीपन
आँखों में जलन या पानी आना
नाखून कमजोर या पीले पड़ना
ये समस्याएं शरीर में जमा हुआ कफ दोष पिघलने के कारण उत्पन्न होती हैं।
मुख्य कारण (Main Causes)
मौसम में तापमान बढ़ने से कफ पिघलने लगता है
अधिक गर्म भोजन या तले-भुने पदार्थ
दिन में सोना (divaswapna)
आलस्य और शरीर की कम गतिविधि
त्वचा की सफाई न करना
पसीना और धूल के कारण skin clogging
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण (Ayurvedic Perspective)
वसंत ऋतु में कफ दोष प्रमुख होता है। यह शरीर में भारीपन, त्वचा पर चिपचिपाहट और बालों में तेलीयता लाता है। आयुर्वेद में इस ऋतु में शोधन और उत्तेजक चीजों का सेवन और प्रयोग करने की सलाह दी गई है।
वसंत ऋतुचर्या:
उद्वर्तन (चूर्ण से मालिश) करें
गरम जल से स्नान करें
नीम, हरिद्रा, त्रिफला का सेवन करें
हल्के, रूखे और तीखे स्वाद वाला भोजन लें
व्यायाम और प्राणायाम आवश्यक है
आधुनिक दृष्टिकोण (Modern View or Scientific Approach)
इस मौसम में sebaceous glands ज़्यादा सक्रिय हो जाते हैं, जिससे oily skin और acne की समस्या होती है।
बढ़ता तापमान और धूल, प्रदूषण मिलकर skin pores को clog करते हैं।
Seasonal allergies और पसीने के कारण skin rash या fungal infections हो सकते हैं।
शरीर detox के लिए अधिक पसीना निकालता है, जिससे डिहाइड्रेशन भी हो सकता है।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
त्वचा के लिए: मुल्तानी मिट्टी, नीम और हल्दी का फेस पैक; गुलाबजल से त्वचा साफ करें।
बालों के लिए: नीम और रीठा का हेयरवॉश, दही + नींबू का हेयर पैक।
होंठों के लिए: नींबू + शहद से होंठ साफ करें, नारियल तेल लगाएं।
हाथ-पैर: बेसन, हल्दी और दही का उबटन; नाखूनों पर नींबू रगड़ें।
(नोट: किसी भी घरेलू उपाय को कान के अंदर डालने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें)
डेली रूटीन (Daily Care Routine)
सुबह जल्दी उठें और गरम पानी पिएं
व्यायाम, सूर्य नमस्कार या brisk walk करें
उद्वर्तन यानी चूर्ण से शरीर की मालिश करें
नहाने के बाद हल्का मॉइस्चराइज़र लगाएं
भोजन में हल्का, रुचिकर और detoxifying आहार लें
दिन में सोने से बचें
शाम को गुनगुना पानी पिएं और त्रिफला चूर्ण लें+
क्या करें और क्या न करें (Dos and Don’ts)
Do’s: ✔ नीम, हल्दी, त्रिफला का सेवन करें ✔ हल्का और सुपाच्य भोजन करें ✔ व्यायाम करें, शरीर को सक्रिय रखें ✔ हफ्ते में एक बार herbal face pack लगाएं
Don’ts: ✘ बहुत तले-भुने या भारी खाद्य पदार्थ न खाएं ✘ दिन में न सोएं ✘ अत्यधिक क्रीम या ऑयली प्रोडक्ट्स का उपयोग न करें ✘ प्रदूषण से त्वचा को बिना सुरक्षा बाहर न निकलें
संतुलित खानपान (Balanced Diet Tips)
वसंत ऋतु में ऐसे भोजन करने चाहिए जो कफ दोष को कम करें और शरीर को detox करें:
गरम जल, तुलसी-अदरक की चाय
मूंग की दाल, रोटी, हरी सब्ज़ियाँ
हल्दी, काली मिर्च, त्रिकटु का प्रयोग
नीम के पत्ते या गोली (स्वरूप)
फलों में अमरूद, पपीता, सेब
मीठा, भारी और तला भोजन से परहेज
योग और प्राणायाम (Yoga & Pranayama)
कपालभाति प्राणायाम: कफ नाशक
भस्त्रिका प्राणायाम: शरीर को ऊर्जावान बनाए
त्रिकोणासन और पवनमुक्तासन: पाचन और रक्तसंचार ठीक रखें
सूर्य नमस्कार: पूरे शरीर के लिए लाभकारी
निष्कर्ष (Conclusion)
वसंत ऋतु परिवर्तन का समय है – जब प्रकृति के साथ-साथ हमारा शरीर भी नया रूप लेता है। सही personal care अपनाकर, इस मौसम में त्वचा, बाल और संपूर्ण स्वास्थ्य को निखारा जा सकता है। आयुर्वेदिक ऋतुचर्या और विज्ञान आधारित स्किन रूटीन के संतुलन से आप वसंत में भी खिले रहेंगे – जैसे एक ताजे फूल की तरह।