उदकवह व स्वेदवह स्रोतस विकार :
स्वेदाधिक्य (Hyperhidrosis)
परिभाषा (Definition)
स्वेदाधिक्य, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस भी कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक से अधिक पसीना आता हैI यह पसीना अत्यधिक और अप्रत्याशित हो सकता है, यहाँ तक कि ठंडे तापमान में या नींद के दौरान भीI
आयुर्वेद में, पसीना (स्वेद) शरीर का एक महत्वपूर्ण मल (अपशिष्ट उत्पाद) माना जाता है, जिसका उचित निष्कासन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हैI पसीने के चैनलों में दोष या अवरोध (स्वेदवहस्रोतसदुष्टि) के कारण पसीने में कमी या अनुपस्थिति (अस्वेद या स्वेद हानि) को आयुर्वेद में एक अस्वास्थ्यकर स्थिति माना जाता हैI

कारण (Causes)
आयुर्वेद के अनुसार, स्वेदाधिक्य (Hyperhidrosis)मुख्य रूप से पित्त दोष के असंतुलन और कफ के बढ़ने (क्लेद संचय) से जुड़ा हैI
- बढ़ा हुआ पित्त दोष: अत्यधिक गर्मी, मसालेदार भोजन का सेवन, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, आदि के कारण पित्त दोष बढ़ जाता है, जिससे शरीर में आंतरिक गर्मी बढ़ जाती है और अत्यधिक पसीना आता हैI
- मेद धातु में वृद्धि: स्वेद (पसीना) मेद (वसा) का मल (उत्सर्जित उत्पाद) हैI इसलिए, मेद धातु में वृद्धि या वसा चयापचय में गड़बड़ी वाले लोगों में, जैसे कि मोटापा या अधिक वजन वाले व्यक्तियों में, अत्यधिक पसीना आना आम हैI
- अत्यधिक आम का जमाव: शरीर में विषाक्त पदार्थों (आम) का संचय भी अत्यधिक पसीना आने का कारण बन सकता हैI
- आनुवंशिकता: कुछ मामलों में, स्वेदाधिक्य आनुवंशिक भी हो सकता है, यानी परिवारों में इस स्थिति का इतिहास पाया जाता हैI
- अन्य चिकित्सा स्थितियां: मधुमेह, थायरॉयड विकार, मोटापा, संक्रमण, आदि जैसी कुछ चिकित्सा स्थितियां भी द्वितीयक हाइपरहाइड्रोसिस का कारण बन सकती हैंI
सम्प्राप्ति (Pathogenesis)
जब पित्त दोष बढ़ जाता है और मेद धातु में वृद्धि होती है, तो शरीर की आंतरिक अग्नि (उष्मा) बढ़ जाती हैI इससे स्वेदवह स्रोतस (पसीने के चैनलों) में रुकावट या अति उत्तेजना होती है, जिससे अत्यधिक पसीना निकलने लगता हैI यह शरीर के विभिन्न भागों, जैसे हथेलियों, पैरों, बगलों और चेहरे को प्रभावित कर सकता हैI

लक्षण (Symptoms)
स्वेदाधिक्य (Hyperhidrosis) का मुख्य लक्षण अत्यधिक पसीना आना हैI यह सामान्य पसीने से कहीं अधिक होता है, जो गर्मी, व्यायाम या तनाव के कारण होता हैI प्रभावित क्षेत्रों में लगातार नमी, जलन, त्वचा संक्रमण का खतरा, सामाजिक चिंता और शर्मिंदगी भी इसके लक्षण हो सकते हैंI
निदान (Diagnosis)
आयुर्वेद में स्वेदाधिक्य (Hyperhidrosis) का निदान रोगी के लक्षणों, नाड़ी परीक्षण, जीभ परीक्षण, आदि के आधार पर किया जाता हैI आयुर्वेदिक चिकित्सक दोषों के असंतुलन का पता लगाने और तदनुसार उपचार योजना बनाने के लिए इन विधियों का उपयोग करते हैंI
आयुर्वेदिक सुझाव (Ayurvedic Tips)
- पित्त शांत करने वाले आहार का सेवन करें: ठंडे, हल्के और कड़वे खाद्य पदार्थों का सेवन करेंI
- अत्यधिक मसालेदार और अम्लीय भोजन से बचें: ये पित्त को बढ़ाते हैंI
- जड़ी-बूटियाँ और औषधियां: अश्वगंधा, ब्राह्मी, गिलोय, आदि जैसी जड़ी-बूटियाँ पित्त को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैंI
- विरेचन: शरीर से आम और अतिरिक्त पित्त को निकालने के लिए विरेचन (औषधीय शुद्धिकरण) जैसी पंचकर्म प्रक्रियाएं फायदेमंद हो सकती हैंI
- स्वेदन (Sudation): स्वेदन, जिसमें कृत्रिम रूप से पसीना उत्पन्न किया जाता है, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और त्वचा को साफ रखने में मदद कर सकता हैI
- नियमित व्यायाम: शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए नियमित व्यायाम करेंI
- प्राणायाम और ध्यान: तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करेंI
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पिएं और हर्बल चाय, जैसे धनिया, जीरा, सौंफ की चाय, पिएंI
- घरेलू उपचार: पिप्पली, काली मिर्च और सौंठ का चूर्ण, अरण्डी का तेल, आदि घरेलू उपचार भी सहायक हो सकते हैंI

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
स्वेदाधिक्य (Hyperhidrosis) कौन सी बीमारी है?
- हाइपरहाइड्रोसिस एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें व्यक्ति को शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक से अधिक पसीना आता हैI
आयुर्वेद में स्वेद का क्या अर्थ है?
- स्वेद का अर्थ है पसीनाI
क्या स्वेदाधिक्य (Hyperhidrosis) का आयुर्वेदिक उपचार संभव है?
- हाँ, आयुर्वेद में हाइपरहाइड्रोसिस के उपचार के लिए विभिन्न औषधियां, पंचकर्म चिकित्सा और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैंI
स्वेदाधिक्य (Hyperhidrosis) में कौन से आहार से बचना चाहिए?
- मसालेदार, खट्टे और अत्यधिक गर्म खाद्य पदार्थों से बचना चाहिएI
अस्वीकरण (Disclaimer)
- यह जानकारी आयुर्वेद के ग्रंथों व पत्रपत्रिकाओं पर आधारित है व केवल शैक्षिक उद्देश्यों व जनजागरूकता के लिए है। किसी भी रोग के निदान और उपचार के लिए कृपया एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें। आप drdixitayurved.com या मोबाईल नंबर 9079923020 पर ऑनलाइन अनुभवी सलाह व परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।